Saturday, July 28, 2012

देशभक्ति

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश देशभक्ति अमर शहीद भगत सिंह का नाम किसी भी  भारतीय के लिए अपरिचित नहीं हैं। इतनी  अल्प अवस्था में उन्होंने देशभक्ति, आत्मबलिदान का जो उदाहरण प्रस्तुत अपने जीवन मे किया, एक साधारण मनुष्य उसकी  कल्पना...

ईश्‍वर को नहीं मानते थे शहीद-ए-आजम भगत सिंह

शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर हम उनके जीवन के उस पहलु को छूने जा रहे हैं, जिसमें उन्‍होंने अपने नास्तिक होने का वर्णन किया है। भारत के स्‍वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह ईश्‍वर को नहीं मानते थे। वे आर्य समाजी रीति रिवाजों को मानने वाले परिवार से थे। अंग्रेज शासन में जुल्‍म, असमानता और शोषण को देख उनका ईश्‍वर के ऊपर से विश्‍वास उठ गया, जिसके बाद उन्‍होंने...

शहीद की मौत पर आज भी सवाल

 इतने सालों बाद भी उनकी मौत से जुड़े कई सवाल अनसुलझे हैं। 23 मार्च 1931 को 23 वर्षीय क्रांतिकारी भगत सिंह को उनके दो मित्रों सुखदेव व राजगुरु के साथ फांसी पर लटका दिया गया था। इसके साथ ही पूरे देश में आजादी की ख्वाहिश और भी भड़क गई थी।दरअसल भगत सिंह को फांसी 24 मार्च को दी जानी थी, लेकिन जनविद्रोह के डर से ब्रिटिश हुकूमत ने रातों-रात फांसी की तारीख बदलकर उसे 23 मार्च कर दिया। क्रांतिकारियों...

Tuesday, July 24, 2012

Monday, July 23, 2012

Saturday, July 21, 2012

अमृतवचन

धुल स्वंय अपमान सह लेती है और बदले में फूलो का उपहार देती है                                                                   ...