Saturday, October 13, 2012

YAADE











सुन- सुन ओ  सोंडिया, तेरे बिन मै  जी लिया ,
तनहा था हर दिन मै ,तेरे याद  आया तो मै रो लिया .
सुन- सुन ओ  सोंडिया ,तेरे बिन मै जी लिया।

एक  दिन भी ऐसा  ना  था जो तेरे याद न आया,
 अब भी  उन  यादो को खो ना  पाया,

तुझ्झे भूलने की कोसी हर बार की ,
तुझे पाने की  भी कोसिस हर बार की ,
फिर भी कुछ रह  गया था कसर अभी बाकी ,
जो  सब कुछ देकर भी,और भी कुछ देने की चाहत आज भी थी। 

तेरे यादो ने भी कोई कसर  कंहा  छोड़ा , तड़पाने की कोसिस आज भी की ,
वो पहली बार का मिलना-मिल कर बिछड़ना फिर इन्तेजार करना ,
तुझ्हे याद करना ,तुझ्हे देखना ,तुझे पाना, कुछ अपने आप से कहना,
तेरे बिन  तड़पना हर बात याद  है , फिर भी तुझ्झे पाने की चाहत मैंने  आज भी की।

सुन -सुन ओ सोंडिया, तेरे बिन मै  जी लिया ,
तनहा था हर दिन मै तेरे याद आया तो मै  रो लिया।    
                                      

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